Monday, 17 November 2025

महर्षि दयानंद

 महर्षि दयानंद का जन्म 1824 में गुजरात के टंकारा नामक ग्राम में हुआ था। इनके बचपन का नाम मूलशंकर था। इनके पिता अंबाशंकर जी शिव जी के उपासक थे। मथुरा में विरजानंद जी से शिक्षा ग्रहण करके वेदों के ज्ञान का प्रचार करने लगे। इन्होंने मुंबई में सर्वप्रथम आर्य समाज की स्थापना की। हिंदी भाषा के द्वारा इन्होंने लोगों को धर्म के बारे में उपदेश दिया। लोग इनके उपदेश सुनकर आश्चर्यचकित रह जाते थे। वे ईश्वर के सच्चे भक्त थे और बाल-विवाह के विरोधी थे। इन्होंने स्त्री शिक्षा का प्रचार विधवा-विवाह की अनुमति, नारी जाति का उत्थान, अछूतोद्धार और राष्ट्रीय एकता पर बल दिया। इन्होंने अनाथालय और आश्रम खोले।1883 को दीपावली के दिन उनका स्वर्गवास हो गया।


पाठ - 16 अभ्यास माधुरी

       पाठ - 16 अभ्यास  माधुरी 1.(क बापदेव अमीर माँ-बाप का बेटा था ।   नहीं  (ख) गुरुकुल में बच्चे वही रहते थे ।         हाँ  (ग) गुरुदेव को...