निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर उत्तर दीजिए।
यह कहानी बोप देव नामक एक मंदबुद्दि छात्र की है, जो गुरुकुल नामक एक पारंपरिक स्कूल में पढ़ता था। बोप देव को गणित से डर लगता था और उसे पढ़ाया गया कोई भी पाठ समझ नहीं आता था, जिससे वह निराश होकर गुरुकुल छोड़ देता है। एक गाँव में, वह एक कुएँ के किनारे पर रस्सी के कारण बने निशान देखता है, जिस पर एक औरत उसे समझाती है कि यह बार-बार के अभ्यास का परिणाम है। इस घटना से प्रेरित होकर, बोप देव अभ्यास के महत्व को समझता है, गुरुकुल लौट आता है, और बाद में एक महान विद्वान बनता है।
1.बोप देव कैसा लड़का था?
2.वह कहाँ पढ़ता था?
3.बोप देव किससे डरता था?
4.उसे क्या समझ में नहीं आता था?
5.वह निराश होकर क्या करता है?
6.वह कुएँ के किनारे क्या देखता है?
7.बोप देव अभ्यास के महत्व को समझकर क्या करता है?
8.बोप देव बड़ा होकर क्या बना?
No comments:
Post a Comment