पाठ 1. सीखो (कविता) 1 भाषा माधुरी + भाषा आभ्यास
सीखो
अभ्यास
1. नीचे दिए गए वाक्यों में जो ठीक हैं, उन पर (सही) चिह्न लगाइए ।
क. सूरज की किरणें सदा समय पर आती हैं। (सही)
ख. कूड़ा इधर-उधर फेंकना चाहिए। (गलत)
ग. किसी से लड़ाई नहीं करनी चाहिए। (सही)
घ. कोयल जैसे बोल बोलने चाहिए। (सही)
ङ. अपने बड़ों को सदा शीश झुकाना चाहिए। (सही)
क)हमें सूरज की किरणों से सदा समय पर उठना सीखना चाहिए।
ख)चींटी हमें मेहनत से आगे बढ़ना सिखाती है।
ग)कूड़ा कूड़ेदान में डालना चाहिए।
घ)हमारी भलाई मिल-जुलकर रहने में है।
भाषा आभ्यास –
ख)चींटी हमें मेहनत से आगे बढ़ना सिखाती है।
ग)कूड़ा कूड़ेदान में डालना चाहिए।
घ)हमारी भलाई मिल-जुलकर रहने में है।
भाषा आभ्यास –
1.सूरज कोयल चींटी कूड़ेदान
2. बढ़ते कूड़ा पढ़ो मदद बड़ों
3. सामान लय वाले शब्द
किरण हिरण
दीन बीन
पाठ आठ
भलाई मलाई
दीन बीन
पाठ आठ
भलाई मलाई
4. मात्रा लागओ
मल मिल
बल बोल
डाल डालो
कर करो
आग आगे
सरज सूरज
5.वाक्य बनाइए-
सूरज – सुबह सूरज निकलता है।
मेहनत – मेहनत का फल मीठा होता है।
कूड़ा कूड़ा कूड़ेदान में ही डालना चाहिए।
भलाई – हमें दूसरों की भलाई के बारे में सोचना चाहिए।
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