पाठ - 16 अभ्यास माधुरी
(ग)कुएँ पर पानी औरतें भर रही थीं।
(घ)पाठ याद करने के लिए बोप देव को बार-बार अभ्यास करना ज़रूरी लगा।
(ङ)अभ्यास करने के बाद बोप देव बहुत बड़ा विद्वान बना।
भाषा माधुरी भाग 2 और भाषा अभ्यास भाग 2 के प्रश्नों के उत्तर
पाठ - 16 अभ्यास माधुरी
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पाठ - 15 राजू का सपना (भाषा अभ्यास)
पाठ -15 राजू का सपना माधुरी
कठिन शब्द - नींद बिलकुल गहरी लापरवाह नाश्ता कुल्ला छड़ियाँ
आसमान किताबें छुट्टी समझदार जादू परियाँ स्कूल कॉपियाँ
निम्नलिखित गद्यांश को पढ़कर उत्तर दीजिए।
यह कहानी बोप देव नामक एक मंदबुद्दि छात्र की है, जो गुरुकुल नामक एक पारंपरिक स्कूल में पढ़ता था। बोप देव को गणित से डर लगता था और उसे पढ़ाया गया कोई भी पाठ समझ नहीं आता था, जिससे वह निराश होकर गुरुकुल छोड़ देता है। एक गाँव में, वह एक कुएँ के किनारे पर रस्सी के कारण बने निशान देखता है, जिस पर एक औरत उसे समझाती है कि यह बार-बार के अभ्यास का परिणाम है। इस घटना से प्रेरित होकर, बोप देव अभ्यास के महत्व को समझता है, गुरुकुल लौट आता है, और बाद में एक महान विद्वान बनता है।
1.बोप देव कैसा लड़का था?
2.वह कहाँ पढ़ता था?
3.बोप देव किससे डरता था?
4.उसे क्या समझ में नहीं आता था?
5.वह निराश होकर क्या करता है?
6.वह कुएँ के किनारे क्या देखता है?
7.बोप देव अभ्यास के महत्व को समझकर क्या करता है?
8.बोप देव बड़ा होकर क्या बना?
महर्षि दयानंद का जन्म 1824 में गुजरात के टंकारा नामक ग्राम में हुआ था। इनके बचपन का नाम मूलशंकर था। इनके पिता अंबाशंकर जी शिव जी के उपासक थे। मथुरा में विरजानंद जी से शिक्षा ग्रहण करके वेदों के ज्ञान का प्रचार करने लगे। इन्होंने मुंबई में सर्वप्रथम आर्य समाज की स्थापना की। हिंदी भाषा के द्वारा इन्होंने लोगों को धर्म के बारे में उपदेश दिया। लोग इनके उपदेश सुनकर आश्चर्यचकित रह जाते थे। वे ईश्वर के सच्चे भक्त थे और बाल-विवाह के विरोधी थे। इन्होंने स्त्री शिक्षा का प्रचार विधवा-विवाह की अनुमति, नारी जाति का उत्थान, अछूतोद्धार और राष्ट्रीय एकता पर बल दिया। इन्होंने अनाथालय और आश्रम खोले।1883 को दीपावली के दिन उनका स्वर्गवास हो गया।
रोटी - भाषा अभ्यास
रोटी माधुरी
1. सही शब्द चुनकर वाक्य पूरा करो।
पाठ - 16 अभ्यास माधुरी 1.(क बापदेव अमीर माँ-बाप का बेटा था । नहीं (ख) गुरुकुल में बच्चे वही रहते थे । हाँ (ग) गुरुदेव को...